khamoshi
<p dir="ltr">मैं खामोश रह जाती हूँ<br>
जैसे आती हुई हवा की तरह लोगों की बातें भी बह जाती हैं।<br>
ये सोचकर कि कभी तो काल बदलेगा,हालात सुधरेगे<br>
मेरी हृदयाघात से लोगों के सोच बदलेंगे।<br>
मगर तटिनी की वेग सा जीवन पल पल बदलता है,<br>
कल थी जहाँ, स्वयम् को वहीं अब भी मैं पाती हूँ। मैं खामोश रह जाती हूँ ।</p>
जैसे आती हुई हवा की तरह लोगों की बातें भी बह जाती हैं।<br>
ये सोचकर कि कभी तो काल बदलेगा,हालात सुधरेगे<br>
मेरी हृदयाघात से लोगों के सोच बदलेंगे।<br>
मगर तटिनी की वेग सा जीवन पल पल बदलता है,<br>
कल थी जहाँ, स्वयम् को वहीं अब भी मैं पाती हूँ। मैं खामोश रह जाती हूँ ।</p>