कर्मशीलता
<p dir="ltr">💐                   कर्मशीलता               💐<br>
             ✍🏻 बिपिन कुमार चौधरी</p>
<p dir="ltr">अक्सर महत्वकांक्षा ने लोगों को ऊंचाई पर पहुँचाया है, <br>
ऐसे लोगों को रब ने छोटा सपना देखना नहीं सिखाया है, <br>
पराजय का उपहास उड़ाने वालों, <br>
ये बताओ तुमने क्या पाया है ? ? ? </p>
<p dir="ltr">सीढ़ियां चढ़ते अक्सर गिरने वालों को दर्द का एहसास नहीं होता है, <br>
मातृत्व सुख की आकांक्षा में प्रसव पीड़ा का आभास नहीं होता है, <br>
जीवन में सुख-दुःख का ज्वार भाटा आता हीं रहता है, <br>
कर्मशील व्यक्ति सृष्टि में किसी का मोहताज नहीं होता है...</p>
<p dir="ltr">भूमि की गहराई का अट्टालिकाओं की ऊंचाई से अजीब रिश्ता है, <br>
उँचे लक्ष्य रखने वाले जीवन की चक्की में अक्सर पीसता है, <br>
सोना भी कुन्दन बनने से पूर्व सुनार की हाथों में घिसता है, <br>
इतिहास गवाह है मानव उत्थान के पौध को कर्मशीलता हीं सींचता है ...</p>
<p dir="ltr">जग में आये हो तो ऊपर जाना है <br>
क्या लेकर आये जो कुछ ले जाना है <br>
साधनहीन का पथ सरल बनाना सरल नहीं है, <br>
लेकिन कर्मशीलता को अपनी उपस्थिति भी जताना है...</p>
<p dir="ltr">स्वर्ग-नरक की उलझन में अक्सर लोग भटकते हैं, <br>
कर्मशीलता को मानवता की मधुर धुन बजाना है, <br>
अपनी नहीं सही, अपनों के जीवन को स्वर्ग बनाना है..<br>
इसीलिये जग आपका दिवाना है, जग आपका दीवाना है....</p>
             ✍🏻 बिपिन कुमार चौधरी</p>
<p dir="ltr">अक्सर महत्वकांक्षा ने लोगों को ऊंचाई पर पहुँचाया है, <br>
ऐसे लोगों को रब ने छोटा सपना देखना नहीं सिखाया है, <br>
पराजय का उपहास उड़ाने वालों, <br>
ये बताओ तुमने क्या पाया है ? ? ? </p>
<p dir="ltr">सीढ़ियां चढ़ते अक्सर गिरने वालों को दर्द का एहसास नहीं होता है, <br>
मातृत्व सुख की आकांक्षा में प्रसव पीड़ा का आभास नहीं होता है, <br>
जीवन में सुख-दुःख का ज्वार भाटा आता हीं रहता है, <br>
कर्मशील व्यक्ति सृष्टि में किसी का मोहताज नहीं होता है...</p>
<p dir="ltr">भूमि की गहराई का अट्टालिकाओं की ऊंचाई से अजीब रिश्ता है, <br>
उँचे लक्ष्य रखने वाले जीवन की चक्की में अक्सर पीसता है, <br>
सोना भी कुन्दन बनने से पूर्व सुनार की हाथों में घिसता है, <br>
इतिहास गवाह है मानव उत्थान के पौध को कर्मशीलता हीं सींचता है ...</p>
<p dir="ltr">जग में आये हो तो ऊपर जाना है <br>
क्या लेकर आये जो कुछ ले जाना है <br>
साधनहीन का पथ सरल बनाना सरल नहीं है, <br>
लेकिन कर्मशीलता को अपनी उपस्थिति भी जताना है...</p>
<p dir="ltr">स्वर्ग-नरक की उलझन में अक्सर लोग भटकते हैं, <br>
कर्मशीलता को मानवता की मधुर धुन बजाना है, <br>
अपनी नहीं सही, अपनों के जीवन को स्वर्ग बनाना है..<br>
इसीलिये जग आपका दिवाना है, जग आपका दीवाना है....</p>