आज का विकास
<p dir="ltr">आज का विकास</p>
<p dir="ltr">✍🏻 बिपिन कुमार चौधरी</p>
<p dir="ltr">जिंदगी की जद्दोजहद और ये लालची मन, <br>
सबकुछ यहाँ बिकने लगा है, <br>
बच्चों के मुंह से नेवाले छीन गये, <br>
बिन मुनाफ़े नहीं बिकते अब कफ़न  ....</p>
<p dir="ltr">न्याय भी बिकने लगा है, <br>
इलाज़ की भी बोली लगती है, <br>
मेधा पैरवी और डोनेशन की बंधक हुई, <br>
सत्य और ईमानदारी हो चुका है दफ़न ...</p>
<p dir="ltr">कुछ लोग चुनौतियों से लड़ रहे हैं, <br>
कुछ अपनों से लड़ रहे हैं, <br>
अधिकांश अपनी परेशानी से यहाँ परेशान नहीं हैं, <br>
दूसरों की तरक्की देख कर मर रहे हैं...., </p>
<p dir="ltr">किसान निराश है, युवा उदास है, <br>
बहनों के हाथों की मेहंदी, दहेज की दास है, <br>
बच्चों की मुस्कुराहट, किताबों के बोझ से सहमा है, <br>
इंसानियत रो रही है, यही आज का विकास है।</p>
<p dir="ltr">✍🏻 बिपिन कुमार चौधरी</p>
<p dir="ltr">जिंदगी की जद्दोजहद और ये लालची मन, <br>
सबकुछ यहाँ बिकने लगा है, <br>
बच्चों के मुंह से नेवाले छीन गये, <br>
बिन मुनाफ़े नहीं बिकते अब कफ़न  ....</p>
<p dir="ltr">न्याय भी बिकने लगा है, <br>
इलाज़ की भी बोली लगती है, <br>
मेधा पैरवी और डोनेशन की बंधक हुई, <br>
सत्य और ईमानदारी हो चुका है दफ़न ...</p>
<p dir="ltr">कुछ लोग चुनौतियों से लड़ रहे हैं, <br>
कुछ अपनों से लड़ रहे हैं, <br>
अधिकांश अपनी परेशानी से यहाँ परेशान नहीं हैं, <br>
दूसरों की तरक्की देख कर मर रहे हैं...., </p>
<p dir="ltr">किसान निराश है, युवा उदास है, <br>
बहनों के हाथों की मेहंदी, दहेज की दास है, <br>
बच्चों की मुस्कुराहट, किताबों के बोझ से सहमा है, <br>
इंसानियत रो रही है, यही आज का विकास है।</p>