गृहस्थ माँझी
<p dir="ltr">रिश्तों का डोर, <br>
खींचे कई ओर ...<br>
परेशानी वाला मोड़, <br>
दिल देता है तोड़ ...<br>
वक्त की नजाकत, <br>
भरोसे  की ताकत, <br>
अपनों के साथ दावत, <br>
हर इंसान की है चाहत ...<br>
जिम्मदारी का एहसास, <br>
ईश्वर पर विश्वास, <br>
चिंता से बेफिक्री, <br>
खुशनुमा बनाता है आज ...<br>
जीवन की चुनौती, <br>
गैरों से अपनोती, <br>
दिल छूने वाली आवाज, <br>
पूजता है समाज ...<br>
उम्मीद का टीला, <br>
तोड़े शांति का क़िला, <br>
रखते ख़ुद पर जो भरोसा, <br>
नहीं करते किसी से शिकवा-गीला ..<br>
मुसीबतों की आँधी, <br>
बनना ग़रीबी में गाँधी, <br>
लोकाचार के इसी कर्मपथ में<br>
नाव खेता है गृहस्थ माँझी....</p>
खींचे कई ओर ...<br>
परेशानी वाला मोड़, <br>
दिल देता है तोड़ ...<br>
वक्त की नजाकत, <br>
भरोसे  की ताकत, <br>
अपनों के साथ दावत, <br>
हर इंसान की है चाहत ...<br>
जिम्मदारी का एहसास, <br>
ईश्वर पर विश्वास, <br>
चिंता से बेफिक्री, <br>
खुशनुमा बनाता है आज ...<br>
जीवन की चुनौती, <br>
गैरों से अपनोती, <br>
दिल छूने वाली आवाज, <br>
पूजता है समाज ...<br>
उम्मीद का टीला, <br>
तोड़े शांति का क़िला, <br>
रखते ख़ुद पर जो भरोसा, <br>
नहीं करते किसी से शिकवा-गीला ..<br>
मुसीबतों की आँधी, <br>
बनना ग़रीबी में गाँधी, <br>
लोकाचार के इसी कर्मपथ में<br>
नाव खेता है गृहस्थ माँझी....</p>