Bookstruck
मसाइब और थे पर दिल का जाना
Share on WhatsApp
Share on Telegram
« Previous
Chapter List
Next »
मसाइब और थे पर दिल का जाना
अजब इक सानेहा सा हो गया है
सरहाने मीर के आहिस्ता बोलो
अभी टुक रोते-रोते सो गया है
« Previous
Chapter List
Next »