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दूसरी मुलाकात

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अगले दिन जब मै बस स्टॉप पर पहुंचा तो वो वहां पहले से ही खड़ी थी।आज वो काफी खुश दिखाई दे रही थी। जब उसने मुझे देखा तो हल्की-सी मुस्कुराहट दी। मै भी उसे देख कर मुस्करा दिया और वहीं पर खड़े होकर बस के आने का इंतजार करने लगा तभी बस आकर रूकती है और हम बस मे चढ़ जाते हैं आज बस मे बिल्कुल भीड़ नही थी बस दो चार लोग ही थे। हमे आराम से सीट मिल गई और हम एक ही सीट पर बैठ गए। मै उससे बात करने की सोच रहा था तभी वो खुद बोल उठी।

हैलो मै रोशनी और आप?

मै ने उसे अपना नाम बताया। 

और फिर हमारी बातचीत शुरू हुई। मैंने उससे आज उसकी खुशी के बारे में पूछा जो उसके चेहरे से साफ दिखाई दे रही थी। तब उसने बताया कि वो यहां जिस नौकरी की तलाश में आई थी वो उसे मिल गई है और आज उसका पहला दिन है। मैंने खुश हो कर उसे बधाई दी।हम एक दूसरे से बाते करते मे इतने मशगूल थे कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब मेरा स्टाप आ गया और मै बस से उतर गया। अब मुझे अपने आफिस तक की दूरी बहुत कम लग रही थी कि मै इतने जल्दी कैसे पहुंच गया। अभी तक मुझे घर से आफिस बहुत दूर लगता था और आज मै इतना जल्दी आ गया यही सब सोचते सोचते आफिस आ गया।

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