Bookstruck

तीसरी मुलाकात

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अब मै सुबह जल्दी उठ कर तैयार हो गया और उससे पहले ही बस स्टॉप पर पहुंच गया पता नहीं क्यों उससे मिलने की एक अजीब सी बेचैनी रही रात भर। तभी वो दूर से आती दिखी और मै खुश हो गया । आज मैंने उससे उसका फोन नम्बर मांगा। उसने बिना किसी हिचकिचाहट के तुरंत अपना नंबर दे दिया। तभी बस आकर रूकती है और हम रोज की तरह मे बस मे जाकर एक ही सीट पर बैठ जाते हैं। अब तक हमारी दोस्ती कुछ ज्यादा ही गहरी हो गई थी। मुझे उसका साथ बहुत अच्छा लगने लगा था और वो भी शायद मेरे साथ खुश थी। मैंने उससे बोला कि आज जब आफिस से निकलना तब मुझे फोन कर लेना उसने कहा ठीक है। फिर शाम को हम दोनों शाम को एक साथ ही वापिस आए । उसने बताया कि उसे आइसक्रीम बहुत पसंद है हमने बस स्टॉप पर उतरते ही सबसे पहले आइसक्रीम के ठेले पर गए और आइसक्रीम खाई। वो काफी खुश थी। उसके बाद से अब यह हमारा रोज का नियम हो गया था ।हम साथ आते थे और साथ जाते थे। कभी-कभी हम रात भर एक दूसरे से फोन पर बाते किया करते थे। शायद मै उसे पसंद करने लगा था और शायद वो भी। 

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