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चौथी मुलाकात

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अगले दिन मै जब बस स्टॉप पर पहुंचा तो वो वहां नहीं थी मै उसे फोन करने ही वाला था कि तभी वो आ गई। लेकिन आज वो कुछ परेशान सी लग रही थी। उसने रोज की तरह मुझसे हैलो बोला और वहीं पर खड़ी हो गई तभी कुछ देर मे बस आ गई और हम बस मे चढ़े।  आज वो कुछ परेशान सी थी। रोज की तरह हमारे बीच हंसी मजाक नहीं हो रहा था।  मेरे बहुत पूछने पर भी उसने कुछ नहीं बताया। आज हम दोनों पूरे रास्ते खामोश रहे और शाम को भी साथ साथ नही आए। इन सबने मुझे और परेशान कर दिया था।  शायद मै अब उसे पसंद करने लगा था । मै सारी रात उसी के बारे मे सोचता रहा और फिर मैंने सोचा कि कल मै उससे अपने दिल की बात कह दूंगा । ये सब सोचते सोचते पता ही नहीं चला कि कब सुबह हो गई। 

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