Bookstruck

आख़िरी मुलाक़ात

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मै सुबह जल्दी उठ कर तैयार हो गया और बस स्टॉप की ओर चल पड़ा लेकिन शायद मै बहुत जल्दी पहुंच गया था और उसके आने का इंतजार करने लगा।  काफी देर हो चुकी थी हम जिसे बस से जाते थे वो भी आ कर चली गई थी लेकिन उसका अभी तक कोई पता नहीं था । मैंने उसे कई बार फोन भी लगाया लेकिन उसका फोन बंद जा रहा था । अब मेरी बेचैनी और बढ़ने लगी मै सीधे उसके घर की तरफ जाता हूं और वहां उसके घर पर ताला लगा होता है। मेरी परेशानी और बढ़ने लगती है उसका फोन भी बंद जा रहा था। तभी उसका एक पड़ोसी मुझे बताता है कि रात को उसके घर से कुछ लोग आए थे और उसको ले कर चले गये। उसकी शादी तय हो गयी है और अब वो कभी वापस नहीं आएगी। ये सुनकर मै एकदम स्तब्ध रह गया मुझे कुछ समझ ही नहीं आ रहा था और सोच रहा था कि काश मैंने उससे अपने दिल की बात कह दी होती। तो शायद आज वो हमारी होती और हम साथ होते। लेकिन  शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और एक बाा रफिर जिंदगी ने मुझे तन्हहा कर दिया। 

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