
वसन्तसेना
by वीरभद्र
ईस पुस्तक में लेखक ने वसंतसेना और चारुदत्त के प्यार कि कहानी लिखी है| उत्कट प्रेम और बदले कि भावना का द्वंद्व यह लेखक ने प्रदर्शित किया है| यह अनुठी कहानी आपको पुराने जमने के रिती और समाज के रवायातों का चित्रण कराती है|
Chapters
- एक मुलाकात
- "मैं वसन्तसेना हूँ”
- भय
- स्त्रीधन
- वो रात
- अदला बदली
- वो आदमी
- गलती
- वसंतसेना कि हत्या
- अपराध का स्वीकार
- अन्तिम अध्याय









