
लफ़्टंट पिगसन की डायरी
by बेढब बनारसी
सात - आठ दिन हुए, गुदड़ी बाजार की ओर चला गया था। वहाँ एक मोटी, जिल्द बँधी कॉपी एक दुकान पर मिली। दीमकों ने उसका जलपान भी किया था। देखने पर एक डायरी निकली। लेफ्टिनेंट पिगसन सन् 1921 में भारत आये थे। यह डायरी दो साल की है। अन्त के कुछ पृष्ठ नहीं हैं। डायरी कितनी मनोरंजक है, पढ़ने से पता चलेगा।
Chapters
- बम्बई का होटल
- रेलगाड़ी में
- नशे की झोंक
- मौलवी साहब
- बाजार की सैर
- सिनेमा में
- बाइसिकिल और बेयरा
- जूते का उपहार
- पिगसन का पदक
- दंगा
- बनारस में पिगसन
- काशी के घाट
- सारनाथ की सैर
- काशी की कारामात
- पान
- लज्जावती लड़की
- मुशायरा
- उर्दू के कवि और कविता
- शासन का रहस्य
- मसूरी की यात्रा
- मसूरी में
- हिन्दुस्तानी दावत
- मालिश
- राजा साहब का घर
- शिकार की तैयारी
- शेर का शिकार
- संगीत - लहरी
- नर्तकियों की सेना
- मुसलमानी धान
- अंग्रेजी संस्कृति
- हिन्दी - उर्दू
- कवि - सम्मेलन
- टक्कर
- कचहरी
- पेशी
- विवाह
- अलंकारों पर खोज
- म्यूनिस्पिल चुनाव
- स्वास्थ्य - रक्षा
- ईसाई धर्म की व्यवस्था
- राजनीतिक षड्यंत्र
- रामलीला
- जादूगर गांधी
- चर्खा भयंकर है
- महात्माजी आये
- महात्मा गांधी का भाषण
- दीपावली और जुआ
- लन्दन को वापस

