Bookstruck

कुछ पल जिन्दगी के

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एसे तो अनजाने थे सब
जाने कैसे एक डोर में बन्ध गए
यूहीं साथ रहते कितने पल गुजर गए

हँसते गाते,रूठते मनाते
सभी पल यादें बन गई
इन यादों की ज्योति मन में जगाएं रखे
हमें अपना बनाएं रखे

जाने कैसा है यह नियम जीवन का
जो पाया है खोना एक दिन परेगा
यह सांसें भी एक दिन हमें छोड़ देगी

अब चलते है नई राह पर हम
कुछ अजनबियों को अपना बनाने
लेकर दुआएं अपनो की जो
अजनबी थे कभी किसी राह में
बहुत कुछ सिखाया है इन पलों ने
जो सिख बनकर नई राहों में चलेंगी


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